♦ मर्रा के कृषि महाविद्यालय को मिला नया भवन, हाइटेक नर्सरी और टिश्यू कल्चर लैब भी
♦ मुख्यमंत्री बघेल ने किया लोकार्पण, सवा पाँच करोड़ रुपए की लागत से बना है भवन
♦ सेवानिवृत्त 1500 शिक्षकों का शिक्षक दिवस के अवसर पर किया सम्मान
रायपुर । आज मैं जिस मुकाम पर पहुँचा हूँ उसमें मेरे गुरुजनों का योगदान रहा है। जिस स्कूल परिसर में हम खड़े हैं। वो बहुत पुराना है। यहाँ विनोबा भावे का आगमन हुआ था और यहाँ उन्होंने भूदान के लिए लोगों को प्रेरित किया था। आज जिस अवसर पर मैं यहाँ आया हूँ। वो शिक्षक दिवस का है। मैं पूर्व राष्ट्रपति और शिक्षक डा. राधाकृष्णन को भी नमन करता हूँ। यह बात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज पाटन ब्लाक के ग्राम मर्रा में संत विनोबा भावे महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र के नवनिर्मित महाविद्यालय का लोकार्पण करने और शिक्षक दिवस के अवसर पर सेवानिवृत्त शिक्षकों के सम्मान कार्यक्रम के दौरान कही। इसके साथ ही इस महाविद्यालय में हाइटेक नर्सरी, टिश्यू कल्चर प्रयोगशाला, इंप्लीमेंट शेड, बीज भंडार गृह, कृषक विश्राम गृह, तीन खाद गोदाम व महाविद्यालय के 2 अतिरिक्त कक्षों को लोकार्पण किया। शिक्षक दिवस के अवसर पर यहाँ 1500 सेवानिवृत्त शिक्षकों को सम्मानित किया गया।
समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि मर्रा में स्थापित कृषि महाविद्यालय के तकनीक से खेती-किसानी में सुधार होगा। आधुनिक खेती से उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। प्रदेश में 10 हजार गौठान बनाये गए है। जिसमें आज 6 हजार गौठान स्वावलम्बी हो गए है। प्राथमिक शिक्षा विस्तार के लिए 700 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल ख़ोले गए है। स्कूल जतन योजना के तहत स्कूलों का जीर्णाेद्धार किया गया है। 30 हजार टीचरों की भर्ती की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर वातावरण बनाना सरकार की मंशा है। छत्तीसगढ़ की संस्कृति, यहाँ के रहन सहन, खान-पान को पहचान दिला कर स्वाभिमान को बढ़ावा देने का काम सरकार कर रही है। पुरखो के बनाये परम्परा को आगे बढ़ाने का काम कर रही है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 30 हजार शिक्षक भर्ती हुई है। प्रदेश में 23 कृषि महाविद्यालय खोले जा चुके है। कृषि में क्रांतिकारी परिवर्तन लाना सरकार की सोच है।