0 शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय में बायो मिमेटिक रेस्टोरेशन विषय पर एक दिवसीय सीडीई एवं कार्यशाला का आयोजन

रायपुर।शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय के कंजरवेटिव डेंटिस्ट्री एंड एंडोडॉन्टिक्स विभाग द्वारा 3 सितंबर को एक दिवसीय सीडीई एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका विषय था बायो मिमेटिक रेस्टोरेशन। इस कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य वक्ता केरल से आए डॉ. शिबू श्रीधर, महाविद्यालय के प्राचार्य एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र वाढेर, कंजरवेटिव डेंटिस्ट्री एंड एंडोडॉन्टिक्स विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. संजीव कुंहप्पन द्वारा मां सरस्वती के सामने दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ श्रीधर ने कहा कि सामान्यतः  जब दांत बहुत अत्यधिक सड़ जाता है तो दांत को पुनः मजबूती प्रदान करने के लिए दांतों में कैप दिया जाता है जिसमें मजबूती तो होती है लेकिन कुछ अधिक मात्रा में दांतों को क्षति भी होती है । परंतु अब नई पद्धति द्वारा दांतों को क्षति पहुंचाए बिना ही मजबूती प्रदान की जा सकती है। सामान्यतः डेंटल कैप जो प्रचलित है उसका वैकल्पिक उपाय जैसे कि ओनले (Onlay ), ओवरले (overlay) को बड़ी ही बारीकी से अपने व्याख्यान में बताया । फाइबर से क्षतिग्रस्त दांतों को मजबूती कैसे प्रदान की जाती है इस पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा की। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में मुख्य वक्ता द्वारा  महाविद्यालय के मरीजों पर लाइव डिमॉन्सट्रेशन भी दिया गया। जिसका लाभ वहा अध्ययनरत  स्नातकोत्तर छात्र छात्राओं, इंटर्न के साथ-साथ मरीजों को भी मिला। मुख्य वक्ता द्वारा बताए गए अत्याधुनिक पद्धति के प्रयोग से अब महाविद्यालय के मरीज लाभान्वित होंगे। इस कार्यशाला में 150 से अधिक स्नातकोत्तर छात्र-छात्राएं, इंटर्न एवं विभिन्न विभाग के अध्यापकगण सम्मिलित हुए। अंत में कंजरवेटिव डेंटिस्ट्री एंड एंडोडॉन्टिक्स विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. कुन्हपन द्वारा विशेष प्रशिक्षण देने के लिए मुख्य वक्ता डॉ. श्रीधर, कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विभाग के डॉक्टरों एवं कर्मचारियों का आभार प्रकट किया गया।