रायपुर। भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने “विकसित कृषि संकल्प अभियान (VKSA) 2025” नामक एक राष्ट्रव्यापी प्री-खरीफ अभियान शुरू किया है। 29 मई से 12 जून 2025 तक चलने वाले इस 15 दिवसीय अभियान का लक्ष्य देश के 700 जिलों के लगभग 1.5 करोड़ किसानों तक पहुँचना है।
एक सहयोगात्मक राष्ट्रीय प्रयास के हिस्से के लिए रूप में, केंद्र सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर कृषि वैज्ञानिकों, कृषि अधिकारियों, प्रगतिशील किसानों और अन्य हितधारकों से मिलकर 2,000 से अधिक बहु-विषयक टीमों को तैनात करेगी। प्रत्येक टीम प्रतिदिन तीन किसान संवाद बैठकें आयोजित करेगी, जिसका लक्ष्य प्रतिदिन 10-12 लाख किसानों तक पहुँचना है।
छत्तीसगढ़ में यह अभियान सभी विकास खंडों में चलाया जाएगा, जिसका समन्वय आईसीएआर-राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान (एनआईबीएसएम), रायपुर द्वारा किया जाएगा।
आईसीएआर-एनआईबीएसएम के निदेशक डॉ. पीके राय ने बताया कि आईसीएआर-एनआईबीएसएम और कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) के वैज्ञानिकों के साथ-साथ कृषि, बागवानी, पशुपालन और मत्स्य पालन विभागों के अधिकारियों को शामिल करते हुए संयुक्त टीमें बनाई गई हैं। इसके अलावा, जनप्रतिनिधि और प्रगतिशील किसान भी क्षेत्र स्तर की गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेंगे।
डॉ. राय ने किसानों की सहभागिता और पहुंच बढ़ाने के लिए आईसीटी उपकरणों और दृश्य मीडिया का लाभ उठाने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने जोर देकर कहा कि वीकेएसए एक महत्वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्य आधुनिक और वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देकर किसानों की आय बढ़ाना है। उन्होंने सभी किसानों से अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने और बेहतर उत्पादकता के लिए नवीन तकनीकों को अपनाने का आग्रह किया।
छत्तीसगढ़ में अभियान के दौरान, फील्ड टीमें किसानों के साथ वैज्ञानिक बातचीत को सुविधाजनक बनाने के लिए प्रतिदिन 2 से 3 चयनित ग्राम पंचायतों का दौरा करेंगी। अभियान के मुख्य फोकस क्षेत्रों में धान की सीधी बुवाई, कीटनाशक के इस्तेमाल के लिए ड्रोन का इस्तेमाल, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना, उन्नत बीजों की किस्मों का प्रचार-प्रसार, उर्वरकों का संतुलित उपयोग और कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में राज्य प्रायोजित योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना शामिल है।
इन प्रत्यक्ष संलग्नताओं से किसानों के समक्ष आने वाली जमीनी चुनौतियों की पहचान करने, नवीन पद्धतियों का दस्तावेजीकरण करने तथा भविष्य के अनुसंधान, तकनीकी प्रगति और नीति विकास के लिए मूल्यवान जानकारी उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।
आईसीएआर-एनआईबीएसएम, रायपुर राज्य भर में अभियान की प्रगति और प्रभावशीलता की निगरानी का नेतृत्व करेगा।
