रायपुर।ट्रिप्पल आईटी नया रायपुर के छह छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने 6 से 8 अक्टूबर को भुवनेश्वर में आयोजित प्रतिष्ठित केआईआईटी इंटरनेशनल मॉडल यूनाइटेड नेशंस (एमयूएन) सम्मेलन में भाग लिया। केआईआईटी एमयूएन को सबसे बड़े और सबसे प्रमुख यूनाइटेड नेशंस (संयुक्त राष्ट्र) सिमुलेशन में से एक माना जाता है और यह केआईआईटी विश्वविद्यालय द्वारा संचालित है। इस वैश्विक कार्यक्रम में दुनिया भर से उत्कृष्ट छात्रों की भागीदारी देखी गई। एमयूएन सम्मेलन प्रतिनिधि छात्रों को वर्तमान वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने और सार्वजनिक बोलने, वाद विवाद, लेखन, आलोचनात्मक सोच, सहयोग और नेतृत्व जैसे कई कौशल विकसित करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। सम्मेलन संयुक्त राष्ट्र के राजदूतों और प्रतिनिधियों की भूमिकाओं का अनुकरण करता है, जो प्रस्तावों का रेसोलुशन तैयार करने, रणनीति बनाने और अन्य प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने जैसी गतिविधियों में शामिल होते हैं। सम्मेलन छात्रों को गंभीर और रचनात्मक रूप से सोचने और वैश्विक मुद्दों के समाधान विकसित करने का अवसर प्रदान करता है।
ट्रिप्पल आईटी एन आर प्रतिनिधिमंडल के दो छात्रों सुश्री श्रेया तिवारी, अनिकेत पांडे ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यू एन एच आर सी) के सदस्यों के रूप में भाग लिया, और उन्हें सर्वश्रेष्ठ प्रतिनिधिमंडल रनर अप के रूप में सम्मानित किया गया और उच्च प्रशस्ति पुरस्कार का खिताब अर्जित किया। उनके प्रदर्शन को 8,000 के नगद पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया। सुश्री श्रेया और श्री अनिकेत, यमन के प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व करते हुए, “मानवाधिकारों के आनंद पर प्रतिबंधों के प्रभाव” विषय पर हुई व्यावहारिक बहस में शामिल हुए थे।
ट्रिप्पल आईटी एन आर प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्य, कनिका मल्होत्रा और शशांक मिश्रा, जिन्होंने विश्व स्वास्थ्य सभा (डब्ल्यूएचए) समिति के सदस्यों के रूप में भाग लिया और निरस्त्रीकरण और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (डीआईएसईसी) के सदस्यों के रूप में भाग लेने वाले पंशुल सेनापति और दिव्यांश कुमार सिंह चौहान ने भी अनुकरणीय प्रदर्शन किया, जिन्हें कार्यकारी बोर्ड द्वारा सराहा गया। ‘एम यू एन’ सम्मेलन में उनके योगदान की अत्यधिक प्रशंसा की गई।
छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने ट्रिप्पल आईटी एनआर के निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार सिन्हा और स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर (एसएसी) के अध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार मजूमदार को उनके अटूट समर्थन और उनके मार्गदर्शन और प्रेरणा के लिए आभार व्यक्त किया । उन्होंने अपने संकाय समन्वयक, डॉ. पुण्य प्रसन्ना पल्तानी और डॉ. स्रेशा यादव नी घोष को भी धन्यवाद दिया।