रायपुर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भिलाई और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की ने शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग के लिए 29 दिसंबर, 2023 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। आईआईटी भिलाई के निदेशक प्रोफेसर राजीव प्रकाश और आईआईटी रूड़की के निदेशक प्रोफेसर के.के. पंत की उपस्थिति में आईआईटी भिलाई में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य भारतीय ज्ञान प्रणालियों (आईकेएस) को संरक्षित और बढ़ावा देना और दूरदराज के आदिवासी क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देना है, जिसमें पारंपरिक औषधीय पौधों, आदिवासी संस्कृति अध्ययन, उनकी कृषि प्रथाओं और आदिवासी लोगों के बीच वित्तीय साक्षरता पर शोध पर जोर दिया गया है। आईआईटी भिलाई का आईआईटी रूड़की के साथ यह संयुक्त प्रयास प्रधान मंत्री के महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण विकसित भारत@2047 की दिशा में आगे बढ़ने में एक बड़ा योगदान होगा।
इसके अलावा, यह सहयोग राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की पहल का भी समर्थन करेगा और शिक्षा प्रणाली में भारतीय ज्ञान प्रणालियों को शामिल करने पर जोर देगा। यह शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण आदि के संबंध में भारत की भविष्य की आकांक्षाओं की स्पष्ट जानकारी प्रदान करेगा, साथ ही माननीय प्रधान मंत्री के एक भारत-श्रेष्ठ भारत के दृष्टिकोण के साथ भी संरेखित होगा।
इस अवसर पर आईआईटी भिलाई के निदेशक प्रोफेसर राजीव प्रकाश ने कहा कि यह साझेदारी अनुसंधान और विकास के नए अवसर पैदा करेगी। यह हमारे प्राचीन ज्ञान और हमारी विरासत को भी बढ़ावा देगा। आईआईटी रूड़की के निदेशक प्रोफेसर केके पंत ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन विकसित भारत के दृष्टिकोण में योगदान देगा। प्रोफेसर प्रकाश और प्रोफेसर पंत आईआईटी भिलाई और आईआईटी रूड़की के बीच इस नई साझेदारी को देखकर खुश थे, जो भारतीय संस्कृति, आईकेएस, एआई, स्थिरता, नवीकरणीय ऊर्जा आदि को बढ़ावा देने से जुड़े दीर्घकालिक और पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग की पेशकश करेगा।