प्रोफेसर टी.जी. सीताराम, अध्यक्ष, एआईसीटीईI
स्मार्ट इंडिया हैकथॉन (एसआईएच) नवाचार के एक ऐसे प्रतीक के रूप में उभरा है, जो वास्तविक दुनिया की चुनौतियों को हल करने के लिए देश की सर्वोत्कृष्ट प्रतिभाओं को एक साथ लाता है। यह सब माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व और अटूट समर्थन के बिना संभव नहीं था। वर्ष 2017 में स्थापना के बाद से, एसआईएच को प्रधानमंत्री के निरंतर प्रोत्साहन ने राष्ट्रीय गौरव के एक मंच पर पहुंचा दिया है। भारत के नवाचार से जुड़े इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता ने एसआईएच को देश भर के विद्यार्थियों के लिए जीवन को बदल देने वाले एक अवसर के रूप में रूपांतरित कर दिया है।
एसआईएच के सबसे प्रेरक पहलुओं में से एक है प्रतिभागियों को दिया जाने वाला अनूठा विशेषाधिकार – प्रधानमंत्री मोदी के साथ सीधे बातचीत करने का अवसर। यह अद्वितीय अनुभव भारत के युवाओं की प्रतिभा को निखारने और देश को नवाचार एवं उद्यमशीलता का एक वैश्विक केन्द्र बनाने में प्रधानमंत्री की गहरी रुचि का प्रमाण है। स्टार्टअप की एक समृद्ध संस्कृति के निर्माण पर उनके निरंतर ध्यान ने लाखों युवा नवप्रवर्तकों को अपने सपनों को साकार करने और राष्ट्र-निर्माण में योगदान देने हेतु सशक्त बनाया है।
स्मार्ट इंडिया हैकथॉन (एसआईएच) के 7वें संस्करण ने अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की हैं। इन उपलब्धियों के कारण ही दुनिया के सबसे बड़े हैकथॉन के रूप में इसकी स्थिति मजबूत हुई है। इसमें व्यापक पैमाने पर की गई भागीदारी और प्रस्तुत किए गए विचारों की असाधारण गुणवत्ता हमारे शैक्षणिक संस्थानों की अटूट प्रतिबद्धता के साथ-साथ देश के विद्यार्थियों की असीम रचनात्मकता, ऊर्जा और प्रतिभा को रेखांकित करती है।
एसआईएच 2024 में, कुल 54 मंत्रालयों, विभागों, राज्य सरकारों, सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) और उद्योगों द्वारा वास्तविक दुनिया की महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करते हुए कुल 254 समस्या विवरण प्रदान किए गए हैं। इस वर्ष संस्थान के स्तर पर आंतरिक हैकथॉन में 150 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, जो एसआईएच 2023 में 900 से बढ़कर एसआईएच 2024 में लगभग 2,247 हो गई है। इस प्रकार, यह अब तक का सबसे बड़ा संस्करण बन गया है। यह असाधारण वृद्धि युवा प्रतिभाओं को सार्थक परिवर्तन लाने हेतु सशक्त बनाते हुए माननीय प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने का एक प्रमाण है।
संस्थान के स्तर पर 86,000 से अधिक टीमों ने भाग लिया है और 49,892 टीमें राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की दिशा में आगे बढ़ी हैं। एसआईएच 2024 में भागीदारी का यह पैमाना शैक्षणिक, औद्योगिक और सरकारी क्षेत्र में हासिल व्यापक उत्साह एवं विश्वास को दर्शाता है। ये रिकॉर्ड-तोड़ उपलब्धियां उन विद्यार्थियों, मार्गदर्शकों और हितधारकों के सामूहिक प्रयासों को रेखांकित करती हैं, जो नवीन विचारों को प्रभावशाली समाधानों में बदलने के लिए एकजुट हुए हैं। एसआईएच का एक ऐसे परिवर्तनकारी मंच के रूप में काम करना जारी है, जो भारत के लिए एक बेहतर और अपेक्षाकृत अधिक रचनात्मक भविष्य बनाने के एक साझा मिशन को प्रेरित कर रहा है।
एसआईएच का उद्देश्य मात्र प्रशंसा हासिल करना नहीं है। यह उद्यमशीलता का एक ऐसा लॉन्चपैड है, जो विद्यार्थियों को अपने विचारों को सफल उद्यमों में बदलने का अवसर प्रदान करता है। पिछले कुछ वर्षों में, एसआईएच से लगभग 100 स्टार्टअप निकले हैं। इनमें से कई स्टार्टअप महत्वपूर्ण सामाजिक एवं औद्योगिक चुनौतियों का समाधान कर रहे हैं। सफलता की ये कहानियां अनगिनत अन्य लोगों को बड़े सपने देखने और देश के नवाचार इकोसिस्टम में योगदान करने के लिए प्रेरित कर रही हैं। इन विचारों को एक स्टार्टअप के तौर पर औपचारिक रूप देने में एआईसीटीई के युक्ति पोर्टल जैसे प्लेटफार्मों की भूमिका को कम करके आंका नहीं जा सकता। एक व्यवस्थित दृष्टिकोण एवं निरंतर समर्थन प्रदान करके, एसआईएच यह सुनिश्चित करता है कि उसके द्वारा बनाई गई नवाचार से जुड़ी पाइपलाइन ठोस एवं प्रभावशाली परिणाम दे।
एसआईएच द्वारा प्रोत्साहित नवाचार की संस्कृति 2047 तक विकासशील भारत के सपने, जो माननीय प्रधानमंत्री मोदी द्वारा विकसित एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण है, को साकार करने की दृष्टि से बेहद अहम है। एसआईएच के माध्यम से उत्पन्न समाधान न केवल तात्कालिक चुनौतियों को हल करते हैं बल्कि दीर्घकालिक सामाजिक एवं आर्थिक परिवर्तन की नींव भी रखते हैं।
एसआईएच की शुरुआत से ही इसके संपर्क में रहे प्रधानमंत्री मोदी की निरंतर भागीदारी सभी प्रतिभागियों के लिए अत्यधिक प्रेरणा का स्रोत है। प्रत्येक संस्करण के दौरान उनके संबोधन युवा प्रतिभाओं को सीमाओं से परे जाकर राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित करते हैं। एसआईएच की सफलता ने पूरे भारत और उसके बाहर भी इसी तरह के हैकथॉन की लहर को प्रेरित किया है। सिंगापुर-भारत हैकथॉन, कवच हैकथॉन (गृह मंत्रालय के सहयोग से) और पेंटाथॉन जैसी पहलों ने एसआईएच से प्रेरणा ली है। ये आयोजन नवाचार के प्रभाव को और आगे बढ़ा रहे हैं और युवा प्रतिभों को रचनात्मकता एवं सरलता के साथ चुनौतियों से निपटने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
अब जबकि हम एसआईएच के 7वें संस्करण का उत्सव मना रहे हैं, यह स्पष्ट है कि यह पहल महज एक प्रतियोगिता से कहीं बढ़कर है – यह एक ऐसा आंदोलन है जो शिक्षा व उद्योग जगत और सरकार को जोड़ता है, जिससे सहयोगात्मक शिक्षण संभव हो पाता है। समस्या विवरण प्रस्तुत करने में मंत्रालयों, उद्योगों और विभागों की भागीदारी वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने में इस मंच के महत्व को दर्शाती है। यह आंदोलन शैक्षणिक संस्थानों, मार्गदर्शकों और प्रतिभागियों के अथक प्रयासों के बिना संभव नहीं होता, जिनके समर्पण से एसआईएच को हर साल शानदार सफलता मिलती है। एसआईएच के आयोजकों की भी दिल से सराहना की जानी चाहिए, जिनकी सधी हुई योजना और कार्यान्वयन सभी हितधारकों के लिए एक निर्बाध अनुभव सुनिश्चित करता है।
प्रत्येक नए संस्करण के साथ, एसआईएच निरंतर मजबूत होता जा रहा है और भारत को नवाचार एवं उद्यमशीलता के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अग्रणी देश रूप में स्थापित होने की दृष्टि से सशक्त बना रहा है। यह आयोजन एक दूरदर्शी नेतृत्व द्वारा निर्देशित सामूहिक प्रयास के जरिए एक राष्ट्र को प्रगति की ओर ले जाने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
आइए हम एक बेहतर कल के लिए नवाचार, सृजन और प्रयास जारी रखें – एक ऐसे भारत के लिए जो न केवल विकसित हो, बल्कि नवाचार और अवसर का प्रतीक भी हो। हम सब मिलकर 2047 तक विकासशील भारत का सपना साकार कर सकते हैं।